कहानी--पड़ोस वाला घर
काफी दिनों से पड़ोस का यह घर बंद था।
मजबूरी थी इसलिए मैंने उसे 1 महीने के लिए किराए पर ले लिया क्योंकि हमारे घर पर शादी थी।
मेरा घर छोटा पड़ रहा था ।घर पर ज्यादा गेस्ट आने वाले थे। विनीता ने मुझे मना किया था कि यह सामने वाला घर किराए पर मत लो इस घर पर लगातार ही दो मौतें हुई हैं ।जिसके कारण या घर अभिशप्त हो चुका है ।
लेकिन मैंने उसकी बातों को नकार दिया ,क्योंकि इस बात को बीते हुए एक अरसा बीत चुका था।
इसलिए मुझे इन बातों पर अब यकीन नहीं था।
धीरे-धीरे शादी का दिन आ गया। घर में छोटे भाई बहन, विनीता के भी रिश्तेदार सब लोग घर पर आ गए ।
घर छोटा पड़ रहा था। मेरे घरपर बेड लगे थे जिन पर हमने घर के सारे बुजुर्ग लोग थे उनका अरेंजमेंट कर दिया।
मैं और मेरे सारे भाई बहन जितने यंगजनरेशन के थे हमने पड़ोस वाले घर पर अपना डेरा जमा लिया।
2 दिन तक खूब मौज मस्ती होगी ।
रात में हम सब जमीन में गद्दे डालकर गप्पें मार रहे थे ।
थककर सब लोग सो गए ।
अचानक मुझे किसी के खाँसने की आवाज़ सुनाई देने लगी।उसके साथसाथ चलने की आहट भी आ रही थी।
मुझे लगा कि रात में.कौन चल रहा होगा? पर मैं उठा नहीं।
मैं बिस्तर पर लेटा ही रहा ।थोड़ी देर बाद राधा, मेरी छोटी बहन ने मुझसे पानी मांगा।
मैं उठकर किचन में गया और फिल्टरर से पानी निकालकर राधा को देने लगा।
तभी सामने से राधा आती हुई नजर आई।
उसने कहा
,,भैया , किससे बातें कर रहे हो?,,
मैंने कहा
,,अरे मैं तो तुझे पानी देने आया था !,,
राधा ने कहा
,,भैया ,मैंने आपसे पानी माँगा ही कब?,,
मैं हैरान होकर उसका मुंह ताकता रह गया।
रातो रात मैंने मकान मालिक से कहा कि मुझे यह घर नहीं चाहिए।
मैं या घर खाली कर रहा हूं ।
मैं सर्किट हाउस में जाकर वहां दो रूम बुक कराया और वह पड़ोस का घर खाली कर दिया।
***
सीमा...✍️🌷
©®
#लेखनी कहानी सफर
Abeer
08-Sep-2022 03:54 PM
Bahut khub 👌
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दशला माथुर
08-Sep-2022 03:14 PM
Bahut khub likha
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Sushi saksena
08-Sep-2022 02:37 PM
बहुत खूब 👌👌
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